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12 दिसंबर: बलिदान दिवस महान क्रांतिवीर बाबू गेनू सैद जी... जिन्होंने मां भारती को अंग्रेजों से मुक्ति के लिए मात्र 22 वर्ष की आयु में संघर्ष करते हुए दी जान

आज स्वतंत्रता के उस महानायक को उनके बलिदान दिवस पर बारम्बार नमन करते हुए उनके यशगान को सदा-सदा के लिए अमर रखने का संकल्प सुदर्शन परिवार दोहराता है.

Sumant Kashyap
  • Dec 12 2023 7:19AM

कोई लाख भले ही बिना खड्ग बिना ढाल के गाने गा ले और कोई कितना भी आज़ादी की ठेकेदारी सडक से संसद तक ले लेकिन उनकी चीख और नकली दस्तावेज किसी भी हालत में उन वीर बलिदानियों के बलिदान को नहीं भुला सकते है जो उग्र जवानी में ही इस वतन के नाम अपनी एक एक सांस लिख कर चले गये.

इनका ये बलिदान बिना किसी स्वार्थ और भविष्य की योजना अदि के. इनके नाम कहीं से भी कोई दोष नहीं है इन्होने हमेशा ही भारत माता को जंजीरों से मुक्त करवाने का सपना देखा था जिसके लिए इन्होने उन अंग्रेजों को सीधी चुनौती दी जिनके दरबार में अक्सर आज़ादी के कुछ ठेकेदार हाजिरी लगाते दिखते थे. आज उन लाखों सशस्त्र क्रांतिवीरों में से एक महान क्रांतिवीर बाबू गेनू सैद जी की पुण्‍यतिथि है. वहीं, आज स्वतंत्रता के उस महानायक को उनके बलिदान दिवस पर बारम्बार नमन करते हुए उनके यशगान को सदा-सदा के लिए अमर रखने का संकल्प सुदर्शन परिवार दोहराता है. 

 बता दें कि महान क्रांतिवीर बाबू गेनू सैद जी का जन्म 1 जनवरी 1908 को महालुंगे पडवल में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था. बाबू गेनू सैद जी ने बंबई में एक सूती मिल में काम किया था. वह विदेशी निर्मित कपड़े के आयात के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में भागीदार थे. जिन्होंने भारत में ब्रिटिश कंपनियों की व्यापार प्रथाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. 

 पुणे जिले के महांनगुले गांव में ज्ञानोबा आब्टे के पुत्र बाबू गेनू जी जब 22 वर्ष के थे तब वह भी सत्याग्रहियों में सम्मलित थे. बाबू गेनू जी केवल चौथी कक्षा तक ही पढ़े हुए थे. बाबू जी के माता-पिता उससे बहुत प्रेम करते थे. उसके अध्यापक गोपीनाथ पंत उसको रामायण, महाभारत और छत्रपति शिवाजी की कहानिया सुनाते थे. बाबू गेनू जी दस वर्ष के भी नहीं हुए थे जब उसके पिता की मृत्यु हो गई थी और परिवार का भार उसकी माँ के कन्धो पर आ गया. बाबू गेनू जी भी अपनी मां का सहायता करते थे.

 बता दें कि मां उसका जल्दी से जल्दी विवाह करना चाहती थी परन्तु वह भारत मां की सेवा करना चाहते थे इसलिए उन्होंने विवाह करने से मना कर दिया और वह मुम्बई चले गए. वहां जाकर वो तानाजी “पाठक” के दल में सम्मिलित हो गए थे. जिसके बाद वो वडाला के नमक पर छापा मारने वाले स्वयंसेवकों के साथ हो गया थे. बाबू गेनू जी जब पकड़े गए तो उन्हें कठोर कारावास का दंड दिया गया. वह जब यरवदा जेल से छुटे तो सबसे पहले अपनी मां से मिलने गए, उनकी मां लोगों से अपने वीर पुत्र की प्रशंशा सुनकर बहुत प्रसन्न हुई थी.

 इसके बाद, मां की आज्ञा लेकर वह एक बार फिर मुम्बई अपने दल में जा मिले. उसको विदेशी कपड़ों की मिल के बाहर धरना देने का काम सौंपा गया जो उसने बखूबी निभाया. बता दें कि धरना देने वाले सत्याग्रहियों से न्यायाधीश ने पूछा था कि क्या तुम विदेशी कपड़ो से भरे ट्रक के सामने लेट सकते हो? महान क्रांतिवीर बाबू गेनू सैद जी ने इस चुनौती को मन ही मन स्वीकार कर लिया और यह भी निश्चय कर लिया कि आवश्यक होने पर वह अपने प्राणों का बलिदान भी दे सकता है. 

 जानकारी के लिए बता दें कि 12 दिसंबर 1930 को ब्रिटिश एजेंटों के कहने से विदेशी कपड़ो के व्यापारियों ने एक ट्रक भरकर उसको सड़क पर निकाला. जिसके बाद ट्रक के सामने एक के बाद एक 30 स्वयंसेवक लेट गये और ट्रक को रोकना चाहा. पुलिस ने उन सभी को वहां से हटाकर ट्रक को निकलने दिया.

 महान क्रांतिवीर बाबू गेनू सैद जी ने ओर कोई ट्रक वहां से न निकलने देने का निश्चय कर लिया था. जिसके लिए वो एक बार फिर सड़क पर लेट गया. ट्रक उनपर से होकर निकल गया और वह अचेत हो गए. इसके बाद उन्हें अस्पताल ले गया जहां उसकी मृत्यु हो गई. बाबू गेनू जी ट्रक ड्राईवर और पुलिस की क्रूरता के कारण बलिदान हो गए किन्तु वह लोकप्रिय हो गया. उसका नाम भारत के घर घर तक पहुंच गया और बाबू गेनू जी के जयकारे गूंजने लगे. महानुगले गांव में उसकी एक मूर्ति लगवाई गई, जहां वह बलिदान हुए थे उस गली का नाम गेनू स्ट्रीट रखा गया. एक साधारण मजदूर के द्वारा दी गयी बलिदान को यह देश कभी नही भूल सकता है.

 आज स्वतंत्रता के उस महानायक को उनके बलिदान दिवस पर बारम्बार नमन करते हुए उनके यशगान को सदा-सदा के लिए अमर रखने का संकल्प सुदर्शन परिवार दोहराता है.

6 Comments

We Kotishah🙏🙏🙏🙏🙏to our Beer Balidani Genu Said Ji. Jai Bharat.

  • Dec 12 2023 7:42:02:493AM

We Kotishah🙏🙏🙏🙏🙏to our Beer Balidani Genu Said Ji. Jai Bharat.

  • Dec 12 2023 7:42:02:133AM

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  • Dec 12 2023 7:42:01:647AM

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  • Dec 12 2023 7:42:01:310AM

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  • Dec 12 2023 7:42:00:583AM

We Kotishah🙏🙏🙏🙏🙏to our Beer Balidani Genu Said Ji. Jai Bharat.

  • Dec 12 2023 7:41:59:987AM

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