पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस सैन्य अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के 9 आतंकी अड्डों को नष्ट किया गया। हमले का उद्देश्य न केवल आतंक का मुंहतोड़ जवाब देना था, बल्कि घाटी में शांति और पर्यटन को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों को नाकाम करना भी था।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सेना के अधिकारियों के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि इस हमले की योजना लश्कर और जैश से जुड़े आतंकियों ने बनाई थी। उनका मकसद सिर्फ हिंसा फैलाना नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर में लौट रही सामान्य स्थिति को बिगाड़ना था।
रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच भारतीय सेना ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस दौरान 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। सेना ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि यह कार्रवाई योजनाबद्ध ढंग से की गई थी, जिससे किसी निर्दोष को हानि न पहुंचे। साथ ही मीडिया को ऑपरेशन के वीडियो फुटेज भी दिखाए गए, जिसमें आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करते हुए सेना की रणनीति को दर्शाया गया।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि यह ऑपरेशन उन निर्दोष नागरिकों और उनके परिवारों के लिए था जो पहलगाम हमले के शिकार बने। उन्होंने बताया कि 9 ठिकानों पर की गई यह एयरस्ट्राइक पूरी तरह से सफल रही और सभी लक्ष्यों को नष्ट किया गया।
विदेश सचिव ने बताया कि इस हमले में TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) की भूमिका सामने आई है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक फ्रंटल संगठन है। हमले के बाद उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स ने इस साजिश की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि ये हमला 2008 के मुंबई हमले के बाद आम नागरिकों पर सबसे बड़ा आतंकी हमला था।
सेना की ब्रीफिंग से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और डीजीपी से बातचीत की। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार इस पूरे मसले को बेहद गंभीरता से ले रही है।