भारत की ओर से पाकिस्तान और POK में किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने सीमापार आतंक के ढांचों को झटका दे दिया है। इस निर्णायक कार्रवाई के बाद न केवल पाकिस्तान बल्कि उसका प्रमुख समर्थक चीन भी अपनी रणनीति को लेकर सतर्क हो गया है।
पिछले दिनों पहलगाम में हुए हमले में निर्दोष हिंदू नागरिकों की हत्या के बाद भारत ने स्पष्ट किया था कि अब आतंक के खिलाफ नरमी नहीं बरती जाएगी। इसके जवाब में भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान के भीतर और पीओके में नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
एयरस्ट्राइक की कार्रवाई में जिन स्थानों को निशाना बनाया गया उनमें बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भिंबर, चाक अमरू, बाग, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद जैसे आतंक के गढ़ शामिल हैं। बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर पर सीधा हमला किया गया।
अब तक पाकिस्तान का खुला समर्थन कर रहे चीन ने इस ऑपरेशन के बाद संयमित बयान जारी किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को आपसी तनाव घटाने और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने की दिशा में काम करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर इस दिशा में प्रयास जरूरी हैं।
इस सैन्य अभियान को ऑपरेशन सिंदूर नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकियों द्वारा की गई हिंसा ने कई हिंदू महिलाओं को विधवा बना दिया, और यह भारत के आत्मसम्मान पर हमला है। भारत अब हर आतंकी हमले का जवाब निर्णायक और सटीक तरीके से देगा।
भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) ने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी आतंकी ठिकानों की पहचान उसी के इनपुट के आधार पर की गई थी, जिसके बाद वायुसेना ने बेहद सटीक स्ट्राइक की।