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पाकिस्तान पर भारत की दोहरी मार... ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब जल प्रहार, बिना सूचना के खोले गए बगलिहार और सलाल डैम के गेट

Salal Dam: सैन्य कार्रवाई के बाद 'आतंक के आका' पाकिस्तान भारत का दूसरा वार, पाकिस्तान में कहीं फसलें सूखेंगी, कहीं आएगी बाढ़

Ravi Rohan
  • May 8 2025 5:22PM

पहलगाम हमले के बाद भारत ने सैन्य मोर्चे के साथ-साथ अब जल नीति के ज़रिये भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिये आतंक के ठिकानों को तबाह करने के बाद अब भारत ने बिना पूर्व सूचना के बगलिहार और सलाल डैम के गेट खोलने और बंद करने का फैसला लिया है, जिससे पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह में बड़ा बदलाव आ रहा है। पाक पर अब बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

सूचना के अनुसार, चिनाब नदी पर स्थित सलाल बांध का सिर्फ एक गेट खोल कर सीमित मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। पानी का प्रवाह इतना कम कर दिया गया है कि यह सिर्फ टरबाइनों को चलाने जितना है। भारत ने स्पष्ट किया है कि यह कदम ऊर्जा उत्पादन के लिहाज़ से आवश्यक था, और पाकिस्तान की ओर बहने वाले अतिरिक्त पानी को अब नियंत्रित किया जा रहा है।

दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर में तेज़ बारिश के कारण जलाशयों में अत्यधिक जलभराव हो गया था। इसे नियंत्रित करने के लिए बगलिहार डैम के पांच गेट खोल दिए गए हैं। इससे कुछ समय के लिए पानी का बहाव बढ़ा, मगर यह पूरी तरह भारत के आंतरिक जल प्रबंधन के तहत किया गया।

रामबन में लैंडस्लाइड, हाईवे बंद

भारी बारिश की वजह से रामबन ज़िले में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिससे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। ट्रैफिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी राजा आदिल हामिद ने कहा कि फिलहाल राहत और मरम्मत का कार्य जारी है और लोगों से सलाह दी गई है कि वे यात्रा करने से पहले दिशा-निर्देशों का पालन करें।

पाकिस्तान की खेती पर पड़ेगा सीधा असर

भारत के इस जल नीति वाले कदम का सीधा असर पाकिस्तान की कृषि और सिंचाई प्रणाली पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि चिनाब का जलस्तर घटकर मात्र 2-3 फीट रह गया है, जो सामान्यतः 25-30 फीट होता है। इससे वहां की फसलें सूखे की चपेट में आ सकती हैं और पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित हो सकता है।

ऐसी भी खबरें हैं कि भारत, झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध के ज़रिये भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की रणनीति पर विचार कर रहा है। हालांकि, इस पर कुछ कानूनी और अंतर्राष्ट्रीय आपत्तियां दर्ज हैं, जो विचाराधीन हैं।

सिंधु जल संधि पर भारत का सख्त रुख

1960 में वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता से बनी सिंधु जल संधि को भारत ने अब ‘अप्रासंगिक’ मानते हुए पलट दिया है, खासकर उस आतंकी हमले के बाद जिसमें कई निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। भारत का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि "बातचीत नहीं, जवाब ज़रूरी है"। वहीं पाकिस्तान ने इस कदम को युद्ध जैसी कार्रवाई बताया है।


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