इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर 02 मई से प्रारंभ हुआ क्रमिक अनशन का कार्यक्रम आज सातवें दिन भी जारी रहा। विस्तारित कार्यकाल पूरा हो जाने के बावजूद निधि नारंग का निदेशक वित्त के कमरे में बैठकर निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए संघर्ष समिति ने निधि नारंग पर एफ आई आर दर्ज करने की मांग की है। आज निजीकरण के विरोध में प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किए गए।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने निधि नारंग पर आरोप लगाया है कि वे विस्तारित कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी निदेशक वित्त के कमरे में अनधिकृत रूप से बैठ रहे हैं और निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि निधि नारंग अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट का झूठा शपथ पत्र देने का मामला दबाए हुए हैं और पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन के साथ मिलकर कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन की फर्जीवाडा की फाइल ठंडे बस्ते में डालने में लगे हैं।
संघर्ष समिति ने कहा कि कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद निदेशक वित्त के कमरे में बैठकर फाइलें देखना और समस्त गोपनीय दस्तावेज ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को ट्रांसफर करना बहुत ही गंभीर घटना है। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली के निजीकरण के पीछे इतना बड़ा घोटाला और भ्रष्टाचार हो रहा है और आश्चर्य की बात है कि प्रदेश के विद्युत मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा चुप्पी साथी बैठे हैं। संघर्ष समिति ने निजीकरण की सारी प्रक्रिया तुरंत रद्द करने की मांग की है और कहा है कि अवैध ढंग से निदेशक वित्त के कमरे में बैठकर दस्तावेज देखने और कंसल्टेंट को दस्तावेज ट्रांसफर करने के अपराध में निधि नारंग पर तत्काल एफ आई आर दर्ज की जाए।
निजीकरण के विरोध में आज लगातार सातवें दिन शक्ति भवन मुख्यालय पर क्रमिक अनशन जारी रहा। आज क्रमिक अनशन में 200 से अधिक बिजली कर्मचारी और अभियंता सम्मिलित हुए। क्रमिक अनशन में आज सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, गजरौला, और मुरादाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जनपदों तथा लखनऊ नगर के बिजली कर्मचारी और अभियंता सम्मिलित हुए। सबसे प्रमुख बात यह रही कि आज सुदूर दक्षिण के तमिलनाडु प्रान्त के चार इंजीनियर क्रमिक अनशन में शामिल हुए। आज हिमाचल प्रदेश के बिजली कर्मी भी उप्र के समर्थन में अनशन में सम्मिलित हुए।