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लश्कर के आतंकी ने पाकिस्तान की नापाक साजिश का किया खुलासा

भारतीय सेना के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है, लश्कर के एक 19 वर्षीय आतंकवादी ने आत्मसमर्पण किया है। अली बाबर पात्रा नाम के आतंकवादी ने सेना से हो रही मुठभेड़ के दौरान आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद अली ने मीडिया के सामने पाकिस्तान की सारी पोल खोल दी। उसने कहा की मुझे पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई ने मिलकर ट्रेनिंग दी है। उसने आगे कहा कि पाकिस्तान में युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए कहा जाता है।

Raj mahur
  • Oct 1 2021 2:50PM
भारतीय सेना के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है, लश्कर के एक 19 वर्षीय आतंकवादी ने आत्मसमर्पण किया है। अली बाबर पात्रा नाम के आतंकवादी ने सेना से हो रही मुठभेड़ के दौरान आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद अली ने मीडिया के सामने पाकिस्तान की सारी पोल खोल दी। उसने कहा की मुझे पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई ने मिलकर ट्रेनिंग दी है। उसने आगे कहा कि पाकिस्तान में युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए कहा जाता है। 

लश्कर के आतंकवाद अली बाबर ने भारतीय सेना के सामने किया आत्मसमर्पण

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनरल वीरेंद्र वत्स ने 18 सितंबर से उरी में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि 25 सितंबर को आतंकवादियों से हो रही मुठभेड़ में 1 आतंकी को हमने मार गिराया जबकि दूसरा आतंकवादी जिसका नाम अली बाबर पात्रा है उसने आत्मसमर्पण कर दिया। पत्रकारों के द्वारा पूछताछ के दौरान अली ने बताया कि उसकी मां की तबियत खराब थी जिसके ईलाज के लिए उसे 25,000 की आर्थिक मदद दी गई थी। जिसके बदले में उसे घुसपैठ जैसे घटना को अंजाम देने के लिए कहा गया था।

आईएसआई के द्वारा दी गई थी ट्रैनिंग


अली पाकिस्तान का पर्दाफाश करते हुए कहा कि "पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा कश्मीर में घुसपैठ के लिए कहा जाता है। पाकिस्तान ने 6 आतंकी को भारत में घुसपैठ करने के लिए लॉन्च किया था। हमें आईएसआई के द्वारा फायर आर्म्स और ट्रेनिंग दी गई थी। अतंकवादी को पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई के द्वारा ट्रेंड किया जाता है आगे उसने कहा की मुझसे बताया गया था की इस्लाम खतरे में है।" 

लश्कर आतंकवादी अली बाबर पात्रा ने दिया अपना परिचय

अली पकिस्तान का एक आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से ताल्लुक रखता है। उसने अपने बारे में परिचय देते हुए कहा कि "मैं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित एक गांव दीपालपुर का रहने वाला हूं। मैं बहुत गरीब घर से हूं, मेरे पिताजी के मरने के बाद मैंने काम करना शुरू किया, मेरी एक बड़ी बहन है मेरे भाई की मौत हो गई है। बीते दिनों मैं एक लड़के से मिला जो कि लश्कर-ए-तैयबा अतंकवादी संगठन का था, उसी के जरिए मैं इस संगठन का हिस्सा बना।
 
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