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Sita Navami 2025: सीता नवमी पर इस विधि से करें पूज, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

सीता नवमी, जिसे जानकी नवमी भी कहा जाता है, हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।

Deepika Gupta
  • May 4 2025 2:55PM

सीता नवमी, जिसे जानकी नवमी भी कहा जाता है, हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। सनातन धर्म में माता सीता को स्त्री शक्ति, त्याग और मर्यादा की प्रतीक माना जाता है। वर्ष 2025 में सीता नवमी 5 मई को मनाई जाएगी। तो जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व।

सीता नवमी 2025 का शुभ मुहूर्त

नवमी तिथि प्रारंभ: 5 मई 2025, रात 10:05 बजे से

नवमी तिथि समाप्त: 6 मई 2025, रात 08:30 बजे तक

पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय: 6 मई को सुबह 06:00 से दोपहर 12:00 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

सीता नवमी का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, राजा जनक ने वैशाख शुक्ल नवमी के दिन हल चलाते समय धरती से एक कन्या को पाया था, जिसे उन्होंने अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया। यही कन्या आगे चलकर श्रीराम की पत्नी बनीं और माता सीता के रूप में पूजी गईं। इस दिन माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है तथा संतान सुख की प्राप्ति होती है।

पूजा विधि

प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लें।

पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर मां सीता और श्रीराम की प्रतिमा स्थापित करें।

प्रतिमा को पीले वस्त्र पहनाएं और फूल-माला, अक्षत, चंदन से श्रृंगार करें।

धूप-दीप जलाकर पूजन करें और नीचे दिए गए मंत्र का जप करें।

सीता माता की आरती

"जय जानकी रामपति सीता, सदा करो तुम दया मुझ पर"
आरती के बाद कथा श्रवण कर भोग लगाएं और प्रसाद वितरित करें।

इस दिन व्रत रखने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। विवाहित महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं और कुंवारी कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं।


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