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प्रधानमंत्री मोदी जी को मिलने वाले उपहारों की होगी नीलामी

प्रधानमंत्री मोदी जी को मिलने वाले उपहारों की होगी नीलामी मिलने वाली राशि जाएगी नमामि गंगे कोष में

Anchal Yadav
  • Sep 25 2021 3:24PM

जो पिछले 56 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ वह कर दिखाया सुहास एल यथिराज ने। तभी पूरे देश के दिल से आवाज आयी शुक्रिया सुहास। टोक्यो पैरालिंपिक में नोएडा के डीएम  सुहास एल यथिराज ने बेडमिंटन की मेंस सिंगल्स प्रतियोगिता में ना केवल सिल्वर मेडल जीता बल्की इतिहास भी रच दिया। अभी तक के पैरालिंपिक खेलों में एक प्रशासनिक अधिकारी का यह सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। वो पदक जीतने वाले देश के पहले आईएएस बन गए । 
टोक्यो पैरालिंपिक में मेंस सिंगल्स एसएल-4 कैटिगिरी में सुहास एल यथिराज का सामना फ्रांस के लुकास मजूर से हुआ। फाइनल मुकाबले में सुहास ने पहला राउंड जीत लिया था, लेकिन अगले दो राउंड में उनको हार मिली और वे गोल्ड मेडल से चूक गए लेकिन उन्होंने गर्व के साथ पोडियम पर रजत पदक पहन कर भारत को गौरवान्वित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुहास एल यथिराज को ट्वीट संदेश के जरिये बधाई देते हुए करते हुए कहा, "सेवा और खेल का एक शानदार संगम! डीएम गौतमबुद्ध नगर सुहास यतिराज ने अपने असाधारण खेल प्रदर्शन से हमारे पूरे देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया है। बैडमिंटन में रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई। उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।"

सुहास एलवाई का जन्म कर्नाटक के शिमोगा में हुआ। जन्म से ही दिव्यांग सुहास शुरुआत में IAS नहीं बनना चाहते थे। वो बचपन से ही खेल के प्रति बेहद दिलचस्पी रखते थे। इसके लिए उन्हें पिता और परिवार का भरपूर साथ मिला। 2007 में उत्तर प्रदेश कैडर से आइएएस बनने के बाद जहां उन्होंने कई विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में देश के लिये मैडल जीते वहीं प्रयागराज और नोएडा के जिलाधिकारी की भी जिम्मेदारियां निभायीं। 

जिस बेडमिंटन रैकेट से सुहास ने इतिहास रचा उसे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट कर दिया है। अब जबकी प्रधानमंत्री को मिले उपहारों का ई-ऑक्शन शुरू हो चुका है। सुहास का बैडमिंटन भी उन वस्तुओं की सूची में शामिल है जिनका ऑक्शन किया जा रहा है। यह ई-आक्शन  17 सितम्बर से 7 अक्टूबर तक चलेगा। सुहास की उपलब्धि की निशानी को आप हासिल कर गौरवान्वित हो सकते हैं। बस www.pmmementos.gov.in पर लॉग ऑन कर ई-ऑक्शन में हिस्सा लें।आपके द्वारा मिली राशि का उपयोग नममि गंगे परियोजना में किया जाएगा।  ई-ऑक्शन में डीएम सुहास के के रैकेट का बेस प्राइज 50 लाख रखा गया है।

भवानी देवी ने उस दिन कमाल कर दिया। वे टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय फेंसर बनीं। और फिर टोक्यो ओलंपिक में अपना पहला मुकाबला जीत कर इतिहास रच दिया। उनसे पहले ओलंपिक में किसी भी भारतीय महिला तलवारबाज ने ये करिश्मा नहीं दिखाया था। हांलाकि अगले मुकाबले में वे पदक की दौड़ से बाहर हो गयीं लेकिन जहां तक वे पहुंची वह भारत के मस्तष्क को बुलंद करने के लिये काफी था। 

तमिलनाडु की रहने वाली भवानी देवी का पूरा नाम है चडलवादा आनंद सुंदररमन भवानी देवी। उन्होंने अपने खेल करियर की शुरुआत 2003 में की लेकिन तलवारबाजी से उनका दूर दूर का कोई रिश्ता नहीं था दरअसल व जब स्कूल के खेलों में हिस्सा लेने पहुंची तो खेलों के लिए सभी क्लास से छह-छह बच्चों के नाम लिये जा रहे थे। जब भवानी अपना नाम लिखवाने पहुंची तो सभी खेलों में बच्चों का चयन हो चुका था। सिर्फ तलवारबाजी में किसी बच्चे ने नाम नहीं लिखवाया था। भवानी ने इस नये गेम में नाम लिखवाया और ट्रेनिंग शुरू कर दी। बाद में उन्होंने इसी खेल पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया। 

वे तलवारबाजी में आठ बार राष्ट्रीय चैंपियन रहीं। ओलंपिक में अपना पहला मुकाबला जीत कर इतिहास रचने वाली भवानी के भारत लौटने पर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा उनका स्वागत किये जाने के अवसर पर उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनका स्वागत किये जाने के अवसर पर उन्होंने वह तलवार जिससे अपना मुकाबला जीता था प्रधानमंत्री को भेंट कर दी। 

जिस तलवार से देश का गौरव बढ़ा उस ऐतिहासिक तलवार को अब जो चाहे अपना बना कर देश के  गौरव के क्षणों में खुद को शामिल कर सकता है। यह तलवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिले उपहार और स्मृति चिन्हों के ई-ऑकशन में शामिल की गयी है। इस तलवार को अपना बनाने के लिये 17 सितम्बर से 7 अक्टूबर  2021  तक चलने वाले pmmementos.gov.in/ पर इ-ऑक्शन में भाग लीजिए।

इससे पहले भी प्रधानमंत्री को मिलने वाले उपहारों की नीलामी होती रही है। आखिरी बार साल 2019 में ऐसा ऑक्शन हुआ था। पिछली बार नीलामी में सरकार ने 15 करोड़ 13 लाख रुपये हासिल किए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वह पूरी राशि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने हेतु 'नमामि गंगे कोष ' में जमा की गयी थी। इस बार भी ऑक्शन से मिलने वाली राशि 'नमामि गंगे कोष ' को प्रदान की जाएगी।

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