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'जोश हाई है' जवानों के फौलादी जवाब ने दिलाया भरोसा... LG ने कहा- भारत के दुश्मनों ने फिर सर उठाया तो उसकी नस्लें कांप जाएंगी, गोली चलेगी तो जवाब बम से मिलेगा

LG मनोज सिन्हा भारत की खुली चेतावनी- अगर नागरिकों पर वार हुआ तो आतंक की जड़ें पाकिस्तान के अंदर जाकर उखाड़ी जाएंगी

Ravi Rohan
  • May 10 2025 12:38PM

"जोश कैसा है?" इस सवाल के जवाब में गूंजता हुआ एक स्वर उभरा-"हाई है साहब!" यह कोई स्क्रिप्टेड डायलॉग नहीं, बल्कि देश के उन वीर सपूतों की जमीनी हकीकत है, जो सीमा पर हर पल जान की बाज़ी लगाकर भारत की रक्षा कर रहे हैं। शुक्रवार (9 मई) को जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में पहुंचे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जवानों से मुलाकात की, और उनका हौसला देख पूरे देश को यह भरोसा मिला कि भारत सुरक्षित हाथों में है।

उपराज्यपाल ने दो टूक शब्दों में कहा कि जो कोई बार-बार देश की शांति को भंग करने की जुर्रत करेगा, उसे ऐसा सबक मिलेगा जो उसकी नस्लों तक याद रहेगा। उन्होंने उड़ी में पाक गोलाबारी से प्रभावित गांवों का दौरा किया और स्थानीय नागरिकों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को समझा। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई कि राहत और पुनर्वास में कोई ढिलाई न हो।

सीमा पर सेना की तत्परता को सराहा

सिन्हा ने एलओसी पर एक अग्रिम चौकी का दौरा कर तैनात जवानों और अधिकारियों से बातचीत की। दुश्मन की हर साजिश को मात देने में भारतीय सेना की रणनीति और बहादुरी की उन्होंने खुलकर तारीफ की। ऑपरेशन 'सिंदूर' की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह सिर्फ बदला नहीं, बल्कि आतंक की फैक्ट्री को जड़ से खत्म करने की मुहिम थी।

भारत का संदेश साफ: हमला करोगे तो छोड़ा नहीं जाएगा

उपराज्यपाल ने एलानिया चेतावनी दी- अगर कोई भारतीय नागरिक को नुकसान पहुंचाता है, तो उसका अंजाम मौत ही होगा। पाकिस्तान की ओर से नागरिकों को निशाना बनाना बेहद कायराना हरकत है, और इसका जवाब अब उसी भाषा में दिया जाएगा।

CM उमर की सख्त चेतावनी- पाक अपनी तबाही खुद बुला रहा है

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा कि अब फैसला पाकिस्तान को करना है- वह शांति चाहता है या बर्बादी। उन्होंने साफ किया कि मौजूदा हालात भारत ने नहीं बनाए, लेकिन हमला हुआ तो जवाब देना जरूरी था- और हमने दिया।

सीमा पर जनजीवन पर असर, घायलों से की मुलाकात

ड्रोन हमले और भारी गोलाबारी के चलते जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में तनाव गहराया है। मुख्यमंत्री ने सांबा और जम्मू के शिविरों व राहत केंद्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने गोलाबारी में घायल नागरिकों से अस्पताल जाकर मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

उमर ने कहा कि 1971 के युद्ध के बाद पहली बार जम्मू जैसे शहर को निशाना बनाया गया है, जो बेहद गंभीर चिंता का विषय है। पुंछ के हालात भी भयावह हैं, जहां से बड़ी संख्या में घायलों को जम्मू लाया गया है।

भारत अब सिर्फ बचाव की मुद्रा में नहीं है। सीमा पार से हो रही हरकतों का जवाब अब माफीनामा नहीं, एक्शन से दिया जाएगा। LOC हो या सिविल इलाके- भारत अब चुप नहीं बैठेगा।


 

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