भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने गुरुवार रात उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई संवेदनशील क्षेत्रों पर ड्रोन और मिसाइल हमले की साजिश रची, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से एस-400 सिस्टम ने सतर्कता के साथ इन हमलों को नाकाम कर दिया।
शुक्रवार शाम विदेश मंत्रालय ने इस हमले को लेकर एक औपचारिक प्रेस वार्ता की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन और पाकिस्तान के रवैये पर विस्तार से जानकारी दी।
कर्नल कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने हमलों के दौरान यात्री विमानों का इस्तेमाल ढाल के रूप में किया। कराची और लाहौर जैसे शहरों में उस समय कई कमर्शियल फ्लाइट्स उड़ान भर रही थीं। यह एक अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक हरकत थी, जिससे आम नागरिकों की जान जोखिम में डाली गई।
भारतीय वायुसेना ने संयम का परिचय देते हुए जवाबी हमला किया। इस दौरान पाकिस्तान की निगरानी रडार प्रणाली को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पाकिस्तान ने हमले में तुर्किये में बने ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
तंगधार, उरी और उधमपुर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान ने भारी गोलीबारी की, साथ ही घुसपैठ की भी कोशिशें की गईं। भारत ने संयम दिखाते हुए जवाबी कार्रवाई को नियंत्रित रखा, जिससे किसी आम नागरिक को नुकसान न पहुंचे।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने न केवल उकसावे वाले सैन्य कदम उठाए, बल्कि अपने हवाई क्षेत्र को भी नागरिक विमानों के लिए खुला रखा, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ऐसी किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देना जारी रखेगा।