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CM योगी लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का करेंगे उद्घाटन; रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी रहेंगे मौजूद

लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन, रक्षा क्षेत्र में नया अध्याय

Rashmi Singh
  • May 10 2025 4:39PM

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ रविवार को रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रही है। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर दुनिया की सबसे ताकतवर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन होगा। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डिजिटल माध्यम से दिल्ली से जुड़ेंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर इस यूनिट का उद्घाटन करेंगे।

उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह टाइटेनियम और सुपर एलॉयस मैटेरियल्स प्लांट (स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी उद्घाटन करेंगे। यह प्लांट एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सामग्रियों का उत्पादन करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा। इसके अलावा, ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी का भी उद्घाटन किया जाएगा, जो मिसाइलों के परीक्षण और एकीकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2018 में किए गए वादे का हिस्सा है, जब उन्होंने उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा की थी। यह कॉरिडोर राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में प्रमुख स्थान रखता है, और इसके छह नोड्स हैं—लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी, और चित्रकूट—जहां रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए निवेश हो रहा है। लखनऊ नोड में रविवार को ब्रह्मोस यूनिट के साथ-साथ डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) का शिलान्यास भी किया जाएगा, जो रक्षा उत्पादों के परीक्षण और सर्टिफिकेशन में सहायक होगा।

लखनऊ में स्थापित ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है। इसके लिए यूपी सरकार ने 80 हेक्टेयर जमीन मुफ्त में उपलब्ध कराई थी, और यह निर्माण केवल साढ़े तीन वर्षों में पूरा हुआ। ब्रह्मोस मिसाइल, जो भारत और रूस के संयुक्त प्रयास का परिणाम है, दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल मानी जाती है। इसकी रेंज 290 से 400 किलोमीटर तक है, और यह मच 2.8 की गति से यात्रा करती है (जो ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है)। इस मिसाइल को जमीन, हवा, और समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है और यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के रडार से बचते हुए सटीक निशाना लगा सकती है।

उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जिसे यूपी का दूसरा डिफेंस कॉरिडोर कहा जा रहा है, 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की पहल को मजबूती प्रदान करता है। इससे पहले तमिलनाडु में 2019 में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित किया गया था। यूपी में यह कॉरिडोर लखनऊ के अलावा कानपुर, झांसी, अलीगढ़, आगरा और चित्रकूट में विकसित किया जा रहा है, और यह कॉरिडोर परिवहन और लॉजिस्टिक्स को आसान बनाने वाले प्रमुख एक्सप्रेसवे और राजमार्गों के साथ जुड़ा हुआ है।

इस प्रोडक्शन यूनिट के उद्घाटन से रक्षा क्षेत्र में न केवल यूपी की सशक्त उपस्थिति बढ़ेगी, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस परियोजना के तहत रक्षा उत्पादों का उत्पादन और परीक्षण नए विकास के रास्ते खोलने वाला है, जो भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाएगा।

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